Monday, 17 February 2025

New Delhi Railway Station Stampede: यात्रीगण कृपया ध्यान दे | Delhi metro में मच गयी भगदड़, यात्रियों का बुरा हाल।

 प्रयागराज जाने वाले लोगो में अभी भी बढ़ावा हो रहा है।  हालही में पता चला है की नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गयी ह।  जिसमे लोगों को बहोत नुकसान होने की बात की जा रही है।  ये बताया जा रहा है की दिल्ली स्टेशन से प्रागराज जाने वाली ट्रैन " प्रयाग एक्सप्रेस " १०:१० pm को जाने वाली थी।  इससे से पहले की वो ट्रैन में बैठ पाते पीछे से भीड़ आयी और उन्हें कुचल कर चली गयी । सभी यात्री यहातक की बच्चे बूढ़े और औरते सभी कुचले गए।  

क्या जनता की मौत की कीमत बस इतनीं ही है ? , क्या इसमें प्रशासन की गलती है या फिर जनता की ?

ट्रैन को डिले किया गया था , ये ट्रेंस स्पेशल दिल्ली से लगायी गयी थी , प्लेटफॉर्म नंबर को बदला गया वो भी बारी बारी।  


ये पूरी वारदात  9:30 pm  के आसपास हुवा।  पहले बताया गया की ये महेस एक अफवा है। 10 बजे तक सभी की बॉडी पहोच गयी थी , उसके बाद बताया गया की स्टंपीड़ लिखे सिचुएशन है।  और १५ लोगो को िजा हुई है , क्या इन मौतों को छुपाया गया।  मौते हुई 10:30 pm  और दिल्ली के LG ने 11:00 pm  बजे Tweet किया , और 12:00pm  बजे के बाद उसको एडिट भी कर दिया जिसमे मौत का जजीकृ था वो edit कर दिया गया।  


आखिर LG को क्यों अपनीं Tweet को एडिट करना पड़ा और मौत के जिक्र को उन्हों ने हटा दिया।  इतनीं मौतो के बाद, ये बहोत बड़ा सवाल है की क्या जनता की मौत की कीमत बस इतनीं ही है ? क्यों ये लोग कुछ करना नहीं चाहते , कुछ  लोगोने ये भी कहा के गलती  लोगों की है क्या सचमे अहा गलती लोगों की है  या फिर यहाँ प्रशासन ही गलत है , क्यों की घटना के होने के बाद भी ये लोग इसको छुपाते रहे , क्या ये करना सही था ? 


आप दिल्ली के LG का TWEET देख सकते है। 

आंकड़े और गवाहों के बयान

  • प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, करीब 18 लोगों की मौत हुई है, जबकि प्रशासन इस संख्या को छुपाने की कोशिश कर रहा है।
  • मरने वालों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे।
  • कई यात्रियों का कहना है कि भीड़ नियंत्रण के कोई उचित उपाय नहीं किए गए थे, जिससे यह हादसा हुआ।

क्या अब भीड़ का दोष है?

कुछ लोगों का कहना है कि यात्री खुद जिम्मेदार हैं, क्योंकि वे धैर्य नहीं रख पाए। लेकिन असली सवाल यह है कि जब प्रशासन को इतनी बड़ी भीड़ का अंदेशा था, तो उन्होंने पहले से कोई एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए?

जब प्रशासन को मालूम था की प्रयागराज जाने वाललोगों में बहोत मात्रा में बढ़ोतरी हुई है तो फिर क्यों इन्होने ऐसी ट्रैन को दिल्ली से प्रयागराज की तरत रावण करने का सोचा।  जैसे की आप देख सकते है कैसे लोगों ने धक्का मुक्की की और दुसरो को कुचल दिया गय।  ये बताया जा रहा है की करीब करिब १८ लोगों की मौत हुई है। इन लोगों के मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा ? किसी की बहन डाब गयी तो किसी की माँ , किसी की लड़की का गाला दब गया तो किसी का भाई मर गया।  यह लोग तो बस प्रयागराज जाना चाहते थे और बस वह जा कर संगम में नहाना चाहते थे , फिर क्यों इन्हे इसका सामना करना पड़ा ? क्या करेंगे अब ये लोग ? कहाँ  जायेंगे ? जो मर गए उन्हें वापस कोई ला पाएगा ? 

यह हादसा सिर्फ एक भगदड़ नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना रेलवे की जिम्मेदारी है, लेकिन इस बार भी लापरवाही ने कई निर्दोष जानें ले लीं।

👉 आपकी क्या राय है? क्या प्रशासन दोषी है, या जनता को अधिक अनुशासित होना चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!

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