संसद भवन में एक गरमागरम बहस तब शुरू हुई जब गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान और डॉ. बी.आर. अंबेडकर पर एक बयान दिया। यह अवसर भारतीय संविधान के महत्व और उसकी स्थिरता पर चर्चा का था, जिसे डॉ. अंबेडकर ने रचने में अग्रणी भूमिका निभाई थी। हालांकि, शाह की टिप्पणियां विपक्ष, खासकर Congress, के निशाने पर आ गईं।
संविधान पर चर्चा का अवसर
यह बयान ऐसे समय में दिया गया जब संसद में संविधान दिवस के अवसर पर विशेष चर्चा आयोजित की गई थी। यह दिन संविधान के महत्व को समझने और उसे लागू करने में डॉ. अंबेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं के योगदान को याद करने का होता है।
क्या कहा अमित शाह ने?
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नाम को “Fashion” बना दिया है। उन्होंने टिप्पणी की, “अंबेडकर का नाम बार-बार दोहराना एक ट्रेंड बन गया है। अगर वे भगवान का नाम इतना लेते, तो सात जन्मों में स्वर्ग प्राप्त कर लेते।”
यह बयान कांग्रेस नेताओं के बीच तीखी प्रतिक्रिया का कारण बना, और इसे अंबेडकर व उनके आदर्शों का अपमान बताया गया।
CONGRESS ने क्यों उठाई आपत्ति?
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अमित शाह के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि शाह ने डॉ. अंबेडकर के नाम का मजाक उड़ाया है और उनकी टिप्पणी संविधान निर्माता का अपमान है। कांग्रेस ने संसद के भीतर और बाहर जोरदार प्रदर्शन करते हुए शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।
संसद में हंगामा
शाह के बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने मकर दरवाजे पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सांसदों ने कांग्रेस के सदस्यों को संसद भवन में प्रवेश करने से रोका। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया।
बीजेपी का जवाब
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। पार्टी का कहना है कि अमित शाह का बयान संविधान के प्रति सम्मान को रेखांकित करता है और विपक्ष इसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “डॉ. अंबेडकर का सम्मान हम सबके लिए सर्वोपरि है। कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए विवाद खड़ा कर रही है।”